गद्य-साहित्यका विकास हिन्दी गद्य के विकास की परीक्षोपयोगी प्रमुख बातें 12
हिन्दी गद्य के विकास की परीक्षोपयोगी प्रमुख बातें
(क) हिन्दी-गद्य का काल-विभाजन
(ख) विभिन्न विधाओं की प्रथम रचना और रचनाकार
(ग) विभिन्न गद्य-विधाओं के दो-दो प्रसिद्ध रचनाकार एवं उनकी रचनाएँ
(घ) युगानुसार प्रमुख विधाओं के दो-दो रचनाकार और उनकी एक-एक रचनाएँ
(ङ) हिन्दी गद्य-साहित्य का इतिहास : एक दृष्टि में
विशेष-
(1) भारतेन्दु युग का प्रारम्भ उनकी प्रथम पत्रिका ‘कवि वचन सुधा’ के प्रकाशन से माना गया है।
(2) एक ही लेखक दो विभिन्न युगों में भी लिखते रहे हैं, इसीलिए उनका नाम दोनों युगों में दिया गया है।