हिन्दी से संस्कृत में अनुवाद 12 अनुवाद। एक भाषा की किसी पंक्ति को किसी अन्य भाषा में परिवर्तित करना ही अनुवाद कहलाता है। जैसे—यदि हम संस्कृत के किसी वाक्य को हिन्दी में परिवर्तित करते हैं तो यह ‘संस्कृत का हिन्दी में अनुवाद’ कहा जाता है। ठीक उसी प्रकार यदि हम हिन्दी के किसी वाक्य को …
1 Up Class 12 संस्कृत : व्याकरण
सन्धि 12 परिभाषा दो शब्दों के पास आने पर पहले शब्द के अन्तिम वर्ण और दूसरे शब्द के प्रथम वर्ण अथवा दोनों में आए विकार अर्थात् परिवर्तन को सन्धि कहते हैं। जैसे- हिम + आलय = हिमालय सत् + जनः = सज्जनः आदि। सन्धि के भेद सन्धि के तीन भेद होते हैं, जो निम्न हैं …
संमास 12 परिभाषा जब दो या दो से अधिक शब्द अपने बीच की विभक्ति को छोड़कर आपस में मिल जाएँ तो उसे समास कहते हैं, जैसे- सूर्यस्य उदयः (सूर्य का उदय) से नया शब्द ‘सूर्योदयः’ बनता है, जिसमें षष्ठी विभक्ति लुप्त हो जाती है। शब्दों के ऐसे मेल से जो एक स्वतन्त्र शब्द बनता है …
शब्द रूप 12 शब्द की परिभाषा वर्गों के सार्थक समूह को ‘शब्द’ कहते हैं, जैसे-राम, मोहन, विचित्रा, सुनीता आदि। इन शब्दों से कुछ न कुछ अर्थ अवश्य निकलता है। अतः ये सभी शब्द हैं। संस्कृत में शब्द के दो भेद होते हैं। विकारी शब्द जिस शब्द में विकार पैदा होता है अर्थात् जो शब्द लिंग, …
विभक्ति 12 परिभाषा हिन्दी भाषा में कारकों में लगने वाले चिह्नों का प्रयोग किया जाता है। संस्कृत भाषा में इसके स्थान पर विभक्तियों का प्रयोग किया जाता है। विभक्तियों की कुल संख्या सात है। विभिक्त के भेद विभक्ति दो प्रकार की होती है 1. कारक विभक्ति जो विभक्ति हिन्दी के वाक्य में प्रयोग किए गए …
प्रत्यय 12 परिभाषा जो अक्षर या अक्षरसमूह संस्कृत में ‘शब्द’ अथवा ‘धातु के अन्त में जुड़कर नवीन शब्दों की रचना करते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं। प्रत्यय के दो भेद होते हैं। कृदन्त प्रत्यय कृदन्त प्रत्यय ‘धातु’ में जुड़कर नए शब्दों की रचना करते हैं। का (त), क्त्वा (त्वा), तव्यत् (तथ्य) एवं अनीयर् (अनीय) कृदन्त …
धातु रूप 12 परिभाषा क्रिया के मूल रूप को ‘धातु’ कहते हैं; जैसे—पठ, गम्, लिखू, नम् आदि। लकार की परिभाषा संस्कृत भाषा में काल को ‘लकार’ कहते हैं, जैसे-वर्तमान काल-लेट् लकार, भूतकाल-लङ्ग लकार, भविष्यत् काल तृट् लकार आदि। लकार के भेद संस्कृत में दस लकार होते हैं। लट् लकार लङ्ग लकार तृट् लकार लोट् लकार …