Up Class 10 संस्कृत : गद्य – भारती

Chapter 16 दीनबन्धु ज्योतिबाफुले (गद्य – भारती) पाठ का सारांश ग्यारह अप्रैल, सन् 1827 ई० में पुणे नामक स्थान पर जन्मे ज्योतिबा फुले एक भारतीय विचारक, समाज-सेवक, लेखक, दार्शनिक और क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे। इन्होंने महाराष्ट्र में सत्यशोधक संस्था को संगठित किया था। दलित स्त्रियों के उत्थान के लिए अनेक कार्यों को करने वाले ज्योतिबा फुले …

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Chapter 15 गजेन्द्रमोक्षः (गद्य – भारती) परिचय पुराणों में भगवान् विष्णु को सर्वत्र भक्तवत्सल के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इनकी भक्तवत्सलता की अनेक कथाएँ भारतीय जनमानस में प्रचलित हैं। इन्हीं में से एक कथा गजेन्द्र मोक्ष के नाम से भी प्रसिद्ध है। कथा के अनुसार, किसी हाथी को अपने बल का अत्यधिक घमण्ड …

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Chapter 14 योजना – महत्वम् (गद्य – भारती) परिचय भारत में शताधिक वर्षों तक चले अंग्रेजी शासन ने देश के कल्याण और उन्नति की बात नहीं सोची, वरन् मात्र अपनी स्वार्थ-पूर्ति पर ध्यान दिया। इसी कारण भारत के स्वतन्त्र होने पर भारतीय नेतृत्व के सामने अनेक समस्याएँ खड़ी हो गयीं। स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री …

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Chapter 13 गुरुनानकदेवः (गद्य – भारती) परिचय गुरु नानकदेव सभी धर्म-संस्थापकों में सबसे अधिक आधुनिक एवं व्यावहारिक सिद्ध होते हैं। इन्होंने लोगों की सेवा, उद्धार और समानता के लिए सिक्ख धर्म की स्थापना की। आज सिक्ख धर्म के अनुयायी सारे विश्व में फैले हुए हैं और अपने श्रम, ईमानदारी, लगन तथा साहस से सभी को …

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Chapter 12 लोकमान्य तिलकः (गद्य – भारती) परिचय बाल गंगाधर तिलक ने एक सामान्य परिवार में जन्म लिया और ‘लोकमान्य’ की उपाधि पाकर अमर हो गये। जिस बालक के माता और पिता का स्वर्गवासे क्रमशः दस और सोलह वर्ष की अवस्था में हो गया हो, उसको अपने सहारे उच्च शिक्षा प्राप्त करना, निश्चय ही आश्चर्य …

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Chapter 11 जीवनं निहितं वने (गद्य – भारती) परिचय भारतवर्ष के लोगों द्वारा वनों का सदा से आदर किया जाता रहा है। प्राचीन काल में ऋषि-मुनि वनों में ही आश्रम बनाकर रहते थे। वैदिक धर्म में जो चार आश्रम माने गये हैं उनमें तीसरा आश्रम, अर्थात् वानप्रस्थाश्रम; वनों से ही सम्बन्धित है। वैदिक वाङ्मय के …

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Chapter 10 मदनमोहनमालवीयः (गद्य – भारती) परिचय पं० मदनमोहन मालवीय एक अच्छे वकील, सफल कथावाचक, कुशल सम्पादक और सच्चे देशभक्त थे। इनकी मानसिक तथा वैचारिक श्रेष्ठता को देखकर ही महात्मा गाँधी इन्हें ‘महामना’ कहकर सम्बोधित करते थे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में भी इनका महत्त्वपूर्ण स्थान था। ये शिक्षक बने, सम्पादक रहे और इन्होंने वकालत भी …

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Chapter 9 संस्कृतभाषायाः गौरवम् (गद्य – भारती) परिचय संस्कृत भाषा विश्व की समस्त भाषाओं में सर्वाधिक प्राचीन भाषा है। यह ज्ञान-विज्ञान से सम्पन्न, सरल, मधुर, सरस और मनोहर है। इस बात को सभी पाश्चात्य भाषाविद् भी स्वीकार करते हैं। संस्कृत भाषा के दो रूप हैं— वैदिक और लौकिक। हमारे प्राचीनतम ग्रन्थों, वेद, उपनिषद् आदि में …

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Chapter 8 आदिशङ्कराचार्यः (गद्य – भारती) परिचय आदि शंकराचार्य ‘जगद्गुरु’ के नाम से प्रसिद्ध हैं। ये अद्भुत प्रतिभा के धनी थे। इन्होंने आठ वर्ष की अल्पायु में ही वेद-शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त कर लिया था। मात्र 32 वर्ष की पूर्ण आयु में इन्होंने अनेक ग्रन्थों की रचना की, पूरे भारत का भ्रमण किया, विद्वानों से …

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Chapter 7 भरते जनसंख्या – समस्या (गद्य – भारती) परिचय आज हमारा देश भारत जनसंख्या-वृद्धि की भयंकर समस्या से ग्रसित है जिससे ‘बढ़ता मानव घटता अन्न’ वाली कहावत चरितार्थ हो रही है, क्योंकि भूमि तो बढ़ाई नहीं जा सकती। मकान, दुकान, सड़क, कारखाने, विद्यालय, अस्पताल आदि सभी का निर्माण भूमि  पर ही होता है; अत: …

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