Up Class 7 अनिवार्य संस्कृत

Chapter 7 ईश्वरचन्द्रो विद्यासागरः (अनिवार्य संस्कृत) एकोनविंशख्रिष्ट शताब्दयां ………………………………………….. करोति स्म। हिन्दी अनुवाद: उन्नीसवीं शताब्दी में बंगाल प्रांत में जो विद्वान समाज सुधारक थे, उनमें से एक ईश्वरचन्द्र विद्यासागर थे। उन्होंने बहुत परिश्रम से विद्या का अध्ययन किया। उनकी अगाध विद्वता को देखकर लोग यथा नाम तथा उक्ति सार्थक मानते थे। वे अत्यन्त सरल और …

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Chapter 6 गीतामृतम् (अनिवार्य संस्कृत) यद् यदाचरति ………………………………………… लोकस्तदनुवर्तते ॥1॥ हिन्दी अनुवाद: जैसा श्रेष्ठ लोग आचरण करते हैं, वैसा ही और दूसरे लोग  करते हैं। वह जो प्रमाण प्रस्तुत करते हैं, लोग उनका अनुकरण करते हैं। चञ्चलं …………………………………. सुदुष्करम् ॥2॥ हिन्दी अनुवाद: हे कृष्ण! मन चंचल, मन्थन करने वाला और दृढ़ है। इसका निग्रह करना …

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Chapter 5 प्रार्थनापत्रम् (अनिवार्य संस्कृत) प्रधानाध्यापक, उच्च प्राथमिक विद्यालय आगरा श्रीमान् सविनय निवेदन है कि  मेरे बड़े भाई श्री जगदीश का विवाह 27-4-20xx तारीख को होगा और बारात मेरठ नगर जाएगी। मेरा वहाँ जाना आवश्यक है। इसलिए मैं पाँच दिन के अवकाश की याचना करता हूँ। आपसे मेरी प्रार्थना है कि तारीख 25-4-20xx से तारीख …

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Chapter 4 बालकः ध्रुवः (अनिवार्य संस्कृत) अयं बालकः ……………………… आसीत्। हिन्दी अनुवाद: यह बालक ध्रुव है। इसके पिता महाराज उत्तानपाद थे। उसकी पत्नी सुनीति रूपवती, गुणवती और पतिव्रता नारी थी। सब सुखों से सम्पन्न होकर भी राजा सन्तानहीन होने से चिन्तातुर थे। बुद्धिमती सुनीति ने उससे दूसरा विवाह करने के लिए कहा। उसके विशेष आग्रह …

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Chapter 3 प्रहेलिका (अनिवार्य संस्कृत) तिश्ठति …………………………… सर्वप्रकाशकः ॥1॥ हिन्दी अनुवाद: सूर्य के साथ आती है। सूर्य के साथ जाती है और अन्धकार की शत्रु है।  वह सबको प्रकाशित करने वाली कौन है? उत्तर: आतपः (धर्म) पादैः पिबामि ………………………………………….. कुत्रचित् ॥2॥ हिन्दी अनुवाद: पैरों से पानी पीता हूँ। हमेशा दूषित हवा खाता हूँ। भूमि पर …

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Chapter 2 काक शृगाल्योः कथा (अनिवार्य संस्कृत) एकदा …………………………….. आसीत्। हिन्दी अनुवाद: एक बार एक कौआ भूखा था। भोजन प्राप्त करने के लिए वह इधर-उधर घूमा। सहसो उसे एक रोटी प्राप्त हुई। वह एक पेड़ की शाखा के ऊपर बैठा और उस रोटी को खाने के लिए सोचने लगा और उस समय ही एक सियारिन …

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Chapter 1 नैनीतालभ्रमणम् (अनिवार्य संस्कृत) एकदा ……………………….. अवसाम। हिन्दी अनुवाद- एक बार ललिता बगीचे में गई। वहाँ कला और रुचि मिले। वहाँ ललिता ने कला  से पूछा, “कला, तुम कहाँ घूमने गई थी? कौन-कौन तुमको अच्छे लगे।” तब कला ने उससे कहा। मैं गर्मी के अवकाश में माता के साथ नैनीताल नगर गई। वहाँ मेरी …

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