Up Class 8 अनिवार्य संस्कृत

Chapter 9 व्यवसायेषु संस्कृतम् संस्कृतज्ञाः …………………………………………………….. भवति हिन्दी अनुवाद – संस्कृत के ज्ञाता ज्योतिषी रूप से और चिकित्सक रूप से संसार के उपकार में लगे होते हैं। कर्मकाण्ड करने वाला और यज्ञ करने वाले हवि रूप से और औषधि वनस्पतियाँ रूप से परिवर्तन करके बादलों की रचना में साधक होते हैं। मेघों से वर्षा होती है। वर्षा …

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Chapter 8 कुम्भमेला अस्माकं …………………………………………………………………. कुम्भमेला लगति। हिन्दी अनुवाद – हमारे प्रदेश के मध्य-दक्षिण भाग में अति प्राचीन प्रयाग नगर स्थित है। इसके उत्तर में गंगा और दक्षिण में यमुना नदियाँ बहती हैं। वहाँ सरस्वती नदी की भी कोई अदृश्य धारा बहती है, ऐसा पुराणों में वर्णित है। उस नगर की पूर्व दिशा में तीनों नदियों का …

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Chapter 7 आदर्शपरिवार एकस्मिन् ग्रामे …………………………………………………… निवसतः। हिन्दी अनुवाद – एक ग्राम में जगत्पाल नाम का एक सज्जन रहता है। उसकी पत्नी कला है। जगत्पाल सैंतीस वर्ष का और कला बत्तीस वर्ष की है। जगत्पाल का हृदय अत्यन्त उदार और कला का स्वभाव भी अत्यन्त मधुर है। दोनों दम्पत्ति सुख से रहते हैं। तयोः द्वे …………………………………………………….. …

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Chapter 6 प्रभात-सौन्दर्यम् उदयति मिहिरो ……………………………………………………………. कथमविरामम्॥ हिन्दी अनुवाद – सूर्य निकल रहा है। अंधकार दूर हो रहा है। संसार कितना सुन्दर लग रहा है। चंचल भौरों का समूह निरन्तर घूमता हुआ पूँज रहा है। विकसति कमलं ……………………………………………………………. खगकुलमतिशयलोलम्॥ हिन्दी अनुवाद – कमल खिलते हैं। जल अच्छा लग रहा है। वायु धीरे-धीरे चल रही है। सुन्दर पक्षियों …

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Chapter 5 सहसा विदधीत न क्रियाम् ईस्वीवर्षस्य ……………………………………………………….. प्रसिद्धर्वते। हिन्दी अनुवाद – सातवीं शताब्दी में महाराष्ट्र प्रान्त में विष्णुवर्धन राजा था। उसकी राज्यसभा में.. महाकवि भारवि राजकवि था। उसको महाकाव्य ‘किरातार्जुनीय’ प्राचीनकाल से ही अत्यन्त प्रसिद्ध है। भारविः भारविः ……………………………………………………….. चतुर्दिक्षु प्रासरत्। हिन्दी अनुवाद – भारवि ने बाल्यकाल में बहुत परिश्रम से विद्या प्राप्त की। उसकी विलक्षण …

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Chapter 4 विभक्तीनां प्रयोगा प्रथमा कुलं शीलं …………………………………………………… विनश्यति॥ हिन्दी अनुवाद-कुल, शील, सत्य, बुद्धि, तेज, धैर्य, बल, गौरव, विश्वास, स्नेह (सब) दरिद्रता से नष्ट होता है। प्रथम-द्वितीया गुणो भूषयते …………………………………………………… भूषयते धनम्॥ हिन्दी अनुवाद-गुण से रूप की शोभा होती है, शील से कुल की शोभा होती है, सिद्धि से विद्या की शोभा होती है (और) भोगों …

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Chapter 3 महादानम् सुधा- दीपकः …………………………………………………………. मया ज्ञातम्। हिन्दी अनुवाद – सुधा-दीपक! यहाँ क्या होता है? दीपक – सुधा! यहाँ लोग रक्तदान और नेत्रदान करते है। सुधा – दीपक, रक्तनिर्माण तो बहुत परिश्रम से होता है, फिर भी लोग कैसे रक्तदान करते हैं? क्या रक्तदान से शरीर में खून की कमी नहीं होती है? दीपक – सुधा, खून की कमी …

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Chapter 2 बाल-प्रतिज्ञा (भविष्यत्काल विधिलिङ) करिष्यामि …………………………………………. कुमार्गे ॥ हिन्दी अनुवाद – बुरे लोगों की संगति नहीं करूंगा। अच्छे लोगों की सत्संगति करूंगा। हमेशा सच्चे रास्ते पर पैर रखूगा। कभी बुरे रास्ते पर मैं नहीं चलूंगा। हरिष्यामि …………………………………………. कदाचित हिन्दी अनुवाद – मैं किसी का धन हरण नहीं करूंगा और मैं सबके चित्तों को हर लँगा सबका प्यारा …

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Chapter 1 भोजस्य राज्यप्राप्ति पुरा धाराराज्य ……………………………………………………… राज्यं कुरु।” हिन्दी अनुवाद – प्राचीन काल में धारा राज्य में सिन्धुल नामक राजा ने प्रजा पर शासन किया। उसकी वृद्धावस्था में भोजु नामक पुत्र पैदा हुआ। जब वह पाँच वर्ष का था तब उसके पिता ने अपना बुढ़ापा जानकर छोटे भाई ‘महाबली मुञ्ज से कहा- “तुम मेरे पुत्र भोज …

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