Chapter 22 खान-पान की बदलती तस्वीर पाठ का सर (सारांश) दस पंद्रह वर्षों से खानपान की संस्कृति में काफी बदलाव आया है। दक्षिण भारत का इडली-डोसा, बड़ा-साँभर-रसम दक्षिण भारत में ही नहीं उत्तर भारत में भी पूर्णतया उपलब्ध हैं और उत्तर भारत के ढाबे व उनमें उपलब्ध रोटी-दाल साग पूरे देश में मिलेंगे। फास्ट फूड का …
Up Class 8 हिन्दी : मंजरी
Chapter 21 बस की यात्रा पाठ का सार (सारांश) पाठ का सारांश- हरिशंकर परसाई उच्चकोटि के व्यंग्यकार हैं। इस यात्रा वर्णन पाठ में उन्होंने बताया है कि किस प्रकार वाहनों के मालिक धन के लालच मेंपुराने घिसे हुए और जर्जर अवस्था के वाहन सड़कों पर चलवाते हैं। लेखक व उनके मित्र कंपनी के काम से सतना …
Chapter 20 झाँसी की रानी महत्वपूर्ण गद्यांश की व्याख्या सूर्य की किरणों …………………………………………. गरम हो जाएगा। संदर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘झाँसी की रानी’ नामक पाठ से लिया गया है। यह प्रसिद्ध उपन्यासकार वृन्दावनलाल वर्मा के नाटक ‘झाँसी की रानी’ का हिस्सा है। प्रसंग – उपन्यासकार ने अँग्रेजों से युद्ध की बेला पर रानी लक्ष्मीबाई …
Chapter 19 जब मैंने पहली पुस्तक खरीदी महत्वपूर्ण गद्यांश की व्याख्या अरे तू लौट ………………………………………….. किताब थी। संदर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘जब मैंने पहली पुस्तक खरीदी’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक ‘धर्मवीर भारती हैं। प्रसंग – लेखक देवदास फिल्म देखने गया। शो छूटने में देर थी। इस बीच लेखक ने …
Chapter 18 नीड़ का निर्माण फिर-फिर समस्त पद्यांशों की व्याख्या नीड़ का निर्माण ………………………………………. फिर फिर। संदर्भ – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के नीड़ का निर्माण फिर-फिर’ कविता से उद्धृत हैं। इसके रचयिता हरिवंशराय बच्चन’ हैं। प्रसंग – कवि ने कविता द्वारा जीवन की कठिनाइयों से लड़ने और सब कुछ नष्ट हो जाने पर भी फिर से …
Chapter 17 अमरकंटक से डिंडौरी पाठ का साट (सारांश) प्रस्तुत पाठ में लेखक अमृतलाल बेगड़ ने नर्मदा-सौन्दर्य के साथ-साथ नदी तट के जन-जीवन की झलक वर्णित की है। यात्रा नर्मदा के किनारे-किनारे से वर्णित हुई है। अमरकंटक जहाँ नर्मदा का उद्गम स्थल है, कोई बड़ा पहाड़ नहीं है। लेखक जाते समय इस पर पगडंडी से केवल …
Chapter 16 सोना समस्त गद्याथों की व्याख्या पर हिरन यह …………………………………………….. चेष्टाएँ हैं। संदर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘सोना’ नामक पाठ से लिया गया है। इसकी लेखिका ‘महादेवी वर्मा’ हैं। प्रसंग – लेखिका का कथन है कि कुत्ता, स्वामी और सेवक का अन्तर जानता है। वह प्यार से बुलाने पर पूँछ हिलाता है और डाँटने …
Chapter 15 एक स्त्री का पत्र समस्त गद्यांशों की व्याख्या जिसे लोग ………………………………………………….. खड़ी हूँ। संदर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के एक स्त्री का पत्र’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक ‘रबीन्द्रनाथ ठाकुर’ हैं। यह उनकी लघु कथाओं में से एक है। प्रसंग – लेखक ने घर गृहस्थी के बन्धन, रीति-रिवाजों का वर्णन करते …
Chapter 14 कर्मवीर समस्त पद्याथों की व्याख्या देख कर बाधा ………………………………………………. मिले फूले फले।। संदर्भ – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक ‘मंजरी-8’ के ‘कर्मवीर’ नामक कविता से ली गई हैं। इस कविता के लेखक अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ हैं। प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने कर्मवीर अर्थात कर्मठ लोगों की प्रशंसा करते हुए उनके गुणों …
Chapter 13 जंगल पाठ का सर (सारांश) प्रस्तुत कहानी में लेखिका ने बच्चों में जीव-जंतुओं के प्रति संवेदना का बड़ा ही सजीव वर्णन किया है। लेखिका की सहेली का एक पोता है जो अभी प्ले स्कूल में पढ़ता है। उसका नाम पियूष है। एक बार वह अपने पापा के साथ उनके एक मित्र के घर जाता …