Chapter 1 कुहासा और किरण (विष्णु प्रभाकर)
प्रश्न 1.
‘कुहासा और किरण’ नाटक की कथावस्तु (कथानक, सारांश) पर प्रकाश डालिए।
या
‘कुहासा और किरण’ नाटक के सर्वाधिक आकर्षक स्थल का वर्णन कीजिए।
या
‘कुहासा और किरण’ नाटक के प्रथम अंक की कथावस्तु लिखिए।
या
‘कुहासा और किरण’ नाटक के द्वितीय अंक की कथा का सारांश लिखिए।
या
‘कुहासा और किरण’ नाटक के तृतीय अंक की कथा पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
या
‘कुहासा और किरण’ नाटक का कथानक समस्यामूलक है, जो स्वाधीन भारत के सामाजिक और राजनीतिक जीवन से सम्बन्धित है। कथावस्तु के आधार पर इस कथन की पुष्टि कीजिए।
या
‘कुहासा और किरण’ नाटक का सारांश लिखिए।
प्रश्न 2.
‘कुहासा और किरण’ नाटक के उस पुरुष-पात्र का चरित्र-चित्रण कीजिए, जिसने आपको सबसे अधिक प्रभावित किया हो।
या
‘कुहासा और किरण’ नाटक के प्रमुख पुरुष पात्र (नायक) अमूल्य का चरित्र-चित्रण कीजिए।
प्रश्न 3.
‘कुहासा और किरण’ के आधार पर कृष्ण चैतन्य का चरित्र-चित्रण कीजिए।
या
‘कुहासा और किरण’ नाटक के आधार पर कृष्ण चैतन्य की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
प्रश्न 4.
सुनन्दा के चरित्र की प्रमुख विशेषताओं का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
या
‘कुहासा और किरण’ नाटक के प्रमुख नारी-पात्र का चरित्र-चित्रण कीजिए।
या
‘कुहासा और किरण’ की नायिका के चरित्र की विशेषताएँ उद्घाटित कीजिए।
या
‘कुहासा और किरण’ नाटक के आधार पर ‘सुनन्दा’ का चरित्रांकन कीजिए।
प्रश्न 5.
‘कुहासा और किरण’ नाटक के आधार पर अमूल्य और कृष्ण चैतन्य के चरित्रों की तुलना कीजिए।
उत्तर
अमूल्य और कृष्ण चैतन्य के चरित्रों की तुलना अमूल्य
[ संकेत–उपर्युक्त शीर्षकों के अन्तर्गत इस प्रश्न का विस्तार कीजिए। विस्तार के लिए प्रश्न संख्या 2 और 3 देखिए। ]