Chapter 1 बलिदान (मुंशी प्रेमचन्द)
प्रश्न 2.
उत्तर
(3) उद्देश्य – प्रस्तुत कहानी में प्रेमचन्द ने अपने उद्देश्य को यथार्थवादी दृष्टि से प्रस्तुत किया है। यह कहानी कृषक परिवार के सेवा, त्याग और समर्पण की भावना की पोषक है। इसके माध्यम से लेखक शोषित और शोषक वर्ग की भावना से जनसामान्य को अवगत कराता है। शोषित दिन-रात मेहनत करते हैं परन्तु अपने लिए नहीं शोषक के लिए। अन्त में अपने शरीर का बलिदान भी उसी के लिए कर देते हैं। इस कहानी का मूल उद्देश्य जमींदार, कृषक और श्रमिक तीनों के बीच के दारुण सम्बन्धों को जनसामान्य के सम्मुख स्पष्ट करना है।
निष्कर्ष रूप में, कहानी-कला के प्रमुख तत्त्वों की दृष्टि से ‘बलिदान’ प्रेमचन्द की सफल कहानी है। कहानी में यथार्थवादी चित्रण है। आरम्भ, विकास और अन्त तीनों ही प्रभावशाली हैं। द्वन्द्व का सुन्दर चित्रण व पात्रों का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण किया गया है। कथा सरल और रोचक है। उदात्त चरित्र और उद्देश्य कहानी की विशेषताएँ हैं।