Chapter 13 वीरोऽभिमन्युः
वीरोऽभिमन्युः
शब्दार्थाः-अष्टादशदिनानि यावत् = अठारह दिनों तक, पञ्चदशे दिवसे = पन्द्रहवें दिन, मातुलः = मामा, प्रार्थितवान् = प्रार्थना की, नीतवन्तः = ले गए, मत्वा = मानकर, अजानात् = जानते थे, तदानीम् = उस समय, पितृष्वसुः पतिः = पिता की बहन के पति, सम्मिल्य = मिलकर, नि:शस्त्रम् = शस्त्ररहित।
महाभारतस्य …………………………………………………. गदायुद्धम् अभवत्।
हिन्दी अनुवाद-महाभारत का युद्ध अट्ठारह दिनों तक चला। आरम्भ में कौरव पक्ष में पितामह भीष्म सेनापति थे। उन्होंने दस दिन तक युद्ध किया। तब ग्यारहवें दिन द्रोणाचार्य सेनापति हुए। वह पाँच दिनों तक सेनापति बने रहे। पन्द्रहवें दिन ये वीरगति को प्राप्त हुए। इसके बाद दो दिनों तक कर्ण सेनापति हुए। इनकी वीरगति होने पर आधे दिन शल्य मामा ने युद्ध किया। शेष आधे दिन में भीम और दुर्योधन का गदा युद्ध हुआ।
अस्य ऐतिहासिकस्य………………………………………… न अजानात्।
हिन्दी अनुवाद-इस ऐतिहासिक महायुद्ध के तेरहवें दिन जब द्रोणाचार्य कौरव के सेनापति थे, तब दुर्योधन ने अपनी विजय के लिए बहुत अधिक प्रार्थना की। द्रोणाचार्य ने कहा, “यदि अर्जुन किसी कारण से युद्ध में शामिल न हो, तो निश्चय ही तुम्हारी जीत होगी, ऐसा सुनकर दुर्योधन पक्ष का संशप्तक नामक वीरवर अर्जुन को युद्ध के लिए बुलाकर कहीं दूर ले गया। यही अवसर है, ऐसा.सोचकर द्रोणाचार्य ने । चक्रव्यूह की रचना की, जिसका भेद अर्जुन के अलावा पाण्डव में कोई नहीं जानता था।
महाराजो…………………………………. अमरः अभवत् ।
हिन्दी अनुवाद-महाराज युधिष्ठिर अत्यन्त दुखी हुए। उसी समय अर्जुन पुत्र अभिमन्यु युद्धक्षेत्र में गया। वह चक्रव्यूह भेदन विधि जानता था, किन्तु चक्रव्यूह के द्वार पर उसके पिता की बहन के पति (फूफा) सिन्धुराज जयद्रथ ने युधिष्ठिर, भीम, नकुल, सहदेव को रोक दिया। अभिमन्यु ने अकेले ही चक्रव्यूह के बीच घुसकर, अत्यन्त पराक्रम से युद्ध करके बहुत से वीरों को मार दिया। अन्त में द्रोण, कृपाचार्य, कर्ण, अश्वत्थामा, बृहदर्बल, कृतवर्मा आदि सात योद्धाओं ने मिलकर अकेले (अभिमन्यु) को निःशस्त्र कर मार दिया। हा! धिक्कार! अभिमन्यु वीरगति पाकर अमर हो गया।
अभ्यासः
प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत-
उत्तर
नेट-विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तरत
(क) कौरवपक्षे कः प्रथमं सेनापतिः अभवत्?
उत्तर
भीष्मः।
(ख) द्रोणाचार्यः कति दिनानि सेनापतिः आसीत्?
उत्तर
पञ्च।
(ग) एकादशे दिवसे कः सेनापतिः अभवत्?
उत्तर
द्रोणाचार्यः।
(घ) अर्जुनं विहाय चक्रव्यूह-भेदन-विधिं कः अजानात्?
उत्तर
अभिमन्युः।
प्रश्न 3.
एकवाक्येन उत्तरत
(क) महाभारतस्य युद्धं कति दिनानि यावत् प्राचलत्?
उत्तर
महाभारतस्य युधं अष्टादश दिनानि यावत् प्राचलत्।
(ख) त्रयोदशे दिने कः सेनापतिः आसीत्? ।
उत्तर
त्रयोदशे दिने द्रोणाचार्यः सेनापतिः आसीत्।
(ग) द्रोणाचार्यः विजयाय किं रचितवान्?
उत्तर
द्रोणाचार्यः विजयाय चक्रव्यूहम् रचितवान्।
(घ) चक्रव्यूहद्वारे पाण्डवान् कः अवरुद्धवान्?
उत्तर
चक्रव्यूहद्वारे पाण्डवान् जयद्रथः अवरुद्धवान्।
प्रश्न 4.
अधोलिखित-पदानां विभक्ति-वचनं लिखत-
उत्तर
प्रश्न 5.
अधोलिखितपदानि समानार्थकैः पदैः सह योजयत (जोड़कर)
उत्तर
प्रश्न 6.
अधोलिखितवाक्यानि संशोधयत (शुद्ध करके)-
उत्तर
(क) द्रोणाचार्यः सेनापतिः आसीत्।
(ख) सः पञ्चदिनानि सेनापतिः आसीत्।
(ग) ती वीरगतिं प्राप्तवन्तो।
(घ) दुर्योधनः स्वविजयः द्रोणाचार्य प्रार्थितवान्।
(ङ) अभिमन्युः वीरगतिं लब्धवान्।
प्रश्न 7.
संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके)
(क) वीर अभिमन्यु अर्जुन का पुत्र थाः ।
उत्तर
अनुवाद-वीरः अभिमन्युः अर्जुनस्य पुत्रः आसीत्।
(ख) वह अकेले सात महारथियों से लड़ा।
उत्तर
अनुवाद-स: एकाकी सप्तै: महारथिभिः युद्धं कृतवान्।
(ग) जयद्रथ ने अन्याय में अभिमन्यु का वध किया था।
उत्तर
अनुवाद-जयद्रथः अन्यायन् अभिमन्युं हतवान्।।
(घ) अतः अर्जुन ने जयद्रथ के वध की प्रतिज्ञा की।
उत्तर
अनुवाद-अत: अर्जुनजयद्रथं हन्तुं प्रतिज्ञाम् अकरोत्।।
• नोट – विद्यार्थी ‘स्मरणीयम् और शिक्षण-संकेत’ स्वयं करें।