Chapter 15 तानसेन (महान व्यक्तित्व)

पाठ का सारांश

तानसेन स्वामी हरिदास के शिष्य थे। इन्होंने दस वर्ष तक बालक तानसेन को संगीत की शिक्षा दी। बचपन में तानसेन का नाम तन्ना मिश्र था। इनके पिता का नाम मकरन्द मिश्र था। रागों-रागिनियों में निपुण होने के बाद तन्ना मिश्र ‘तानसेन’ नाम से प्रसिद्ध हुए। संगीत के पूर्ण ज्ञान के लिए स्वामी हरिदास ने तन्ना को स्वामी हजरत मुहम्मद गौस के पास भेजा। पर्याप्त संगीत शिक्षण के बाद तानसेन स्वामी हरिदास के पास मथुरा लौट आए। तानसेन ने स्वामी जी से ‘नाद’ विद्या सीखी। रीवाँ नरेश के दरबार में अकबर ने इनका संगीत सुना और उन्होंने तानसेन को अपने नवरत्नों में स्थान दिया।तानसेन के विषय में अनेक किंवदन्तियाँ प्रचलित हैं। अकबर के कहने से तानसेन ने दीपक राग गाया। दरबार के सब दीपक जलने लगे ओर अग्नि की लपटों से दरबार में हाहाकार मच गया। तानसेन की पुत्री सरस्वती ने मल्हार राग गाकर अग्नि शान्त की।
एक बार अकबर ने आगरा के पास संगीत प्रतियोगिता का आयोजन किया। एक साधुवेशधारी गायक ने तानसेन का मुकाबला किया। तानसेन की स्वरलहरी से हिरण दौड़े आए। तानसेन ने एक मृग के गले में माला डाल दी। गाना बन्द होने पर हिरण भाग गए।  साधुवेशधारी गायक ने ‘मृगरंजनी’ राग गाकर माल पड़े हिरण को बुला दिया। साधुवेशधारी गायक ने फिर राग आलापना शुरू किया, जिससे पत्थर पिघलने लगा। यह अनहोनी देखकर तानसेन नतमस्तक हो गए और अपने गुरुभाई बैजनाथ (बैजू बावरा) को. पहचानकर गले लगाया।
तानसेन संगीत दुनिया के सम्राट माने जाते हैं। इन्होंने दरबारी, तोड़ी, मियाँ की मल्हार, मियाँ की सारंग आदि राग-रागिनियों की रचना की। सन् 1589 ई० में इस महान गायक का निधन हो गया। ग्वालियर में इनकी समाधि बनी है।

अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1:
तानसेन का वास्तविक नाम क्या था?
उत्तर:
तानसेन का वास्तविक  नाम तन्ना मिश्र था।

प्रश्न 2:
तानसेन ने संगीत किन-किन लोगों से सीखा?
उत्तर:
तानसेन ने संगीत स्वामी हरिदास और स्वामी हजरत मुहम्मद गौस से सीखा।

प्रश्न 3:
अकबर का तानसेन से परिचय कैसे हुआ?
उत्तर:
अकबर ने रीवाँ नरेश के दरबार में तानसेन  का गाना सुना, वहीं दोनों परिचय हुआ।

प्रश्न 4:
तानसेन की सफलता का मूल आधार क्या है?
उत्तर:
तानसेन की सफलता का मूल आधार उनकी कार्य के प्रति निष्ठा तथा निरन्तर कठिन अभ्यास ।’ की आदत थी।

प्रश्न 5:
सही विकल्प छाँटकर लिखिए (सही विल्कप छाँटकर)
(क) तानसेन को सर्वप्रथम संगीत की शिक्षा 

  • स्वामी नरहरिदास ने दी थी।
  •  स्वामी हरिदास ने दी थी।
  •  हजरत मुहम्मद गौस ने दी थी।
  • रीवाँ नरेश ने दी थी।

(ख) संगीत से प्रभावित होकर अकबर ने तानसेन को

  •  पुरस्कार दिया ।
  •  संगीत शिक्षक बना दिया।
  •  मंत्री बना दिया।
  •  नवरत्नों में स्थान दिया।

प्रश्न 6:
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके)
• संगीत की विभिन्न  रागों-रागिनियों में पारंगत होने के बाद तन्ना मिश्र तानसेन नाम से विख्यात हुए।
• तानसेन की सफलता का मूल आधार उनकी कार्य के प्रति निष्ठा तथा निरन्तर कठिन अभ्यास की आदत थी।
• कठोर परिश्रम एवं लगन से व्यक्ति निश्चय ही उन्नति के शिखरों पर चढ़ सकता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *