Chapter 24 सरोजिनी नायडू

पाठ का सारांश

सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 ई० को हैदराबाद में हुआ। उनके पिता का नाम अघोरनाथ चट्टोपाध्याय और माता वरदा सुन्दरी थी। सरोजिनी को उनसे कविता लेखन की प्रेरणा मिली। 12 वर्ष की उम्र में मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास करके इन्हें शिक्षा के लिए इंग्लैण्ड भेजा गया। वहाँ पर सरोजिनी के तीन कविता संग्रह प्रकाशित हुए- ‘द गोल्डेन श्रेश होल्ड’, ‘द ब्रोकेन विंग’ और ‘द सेप्टर्ड फ्लूट’। इंग्लैण्ड से वापस आने पर सरोजिनी का विवाह गोविन्दराजुले  नायडू से हो गया। सरोजिनी नायडू की भेंट गांधी जी से हुई। वह गोपाल कृष्ण गोखले के कार्य से प्रभावित होकर कांग्रेस की प्रवक्ता बन गई। उन्होंने देशभर में घूमकर स्वतन्त्रता का संदेश फैलाया। सरोजिनी नायडू ने हिन्दू-मुस्लिम एकता पर जोर दिया। उन्होंने इंग्लैण्ड, अमेरिका आदि देशों का दौरा किया। गांधी जी की दाण्डी यात्रा में वे उनके साथ थीं। उनके भाषण स्वतन्त्रता की चेतना जगाने में जादू का काम करते थे। 1942 ई० में भारत छोड़ो आन्दोलन में उन्होंने भाग लिया। वे कई बार जेल गईं। भारत के स्वतन्त्र होने पर वे उत्तर प्रदेश की राज्यपाल बनीं।

सरोजिनी ने नारी मुक्ति और नारी-शिक्षा आन्दोलन शुरू किया। नारी-विकास को ध्यान में रखकर ही वे अखिल भारतीय महिला परिषद् की सदस्य बनीं। विजय लक्ष्मी पण्डित, कमलादेवी चट्टोपाध्याय, लक्ष्मी मेनन, हंसाबेन मेहता आदि महिलाएँ इस संस्था से जुड़ी थीं।

सरोजिनी नायडू का व्यवहार बहुत सामान्य था। वे युवा वर्ग की सुविधाओं का बहुत ध्यान रखती थीं। वाणी और व्यवहार में सरोजिनी बहुत ही स्नेहमयी थीं। प्रकृति से उन्हें विशेष प्रेम था। 2 मार्च सन् 1949 ई० को भारत-कोकिला सदा के लिए मौन हो गईं। पं० जवाहर लाल नेहरू ने इन शब्दों में सरोजिनी को श्रद्धांजलि दी, “उनकी पूरी जिन्दगी एक कविता, एक गीत थी, सुन्दर, मधुर और कल्याणमयी।”

अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1.
सरोजिनी नायडू अखिल भारतीय महिला परिषद् की सदस्य क्यों बनी?
उत्तर :
सरोजिनी नायडू नारी विकास को ध्यान में रखकर महिला परिषद् की सदस्य बनीं।

प्रश्न 2.
युवावर्ग के प्रति सरोजिनी नायडू का क्या विश्वास था?
उत्तर :
युवावर्ग के प्रति सरोजिनी नायडू का विश्वास था कि सुदृढ़, सुयोग्य युवा पीढ़ी राष्ट्र की अमूल्य निधि है।

प्रश्न 3.
इंग्लैण्ड में सरोजिनी के कौन-कौन से कविता संग्रह प्रकाशित हुए?
उत्तर : 
इंग्लैंड में सरोजिनी के तीन कविता संग्रह प्रकाशित हुए

  • द गोल्डेन श्रेश होल्ड,
  • द ब्रोकेन विंग तथा
  • द सैप्टर्ड फ्लूट।

प्रश्न 4.
राजनीति में आने के बाद सरोजिनी नायडू ने किन-किन पदों पर कार्य किया?
उत्तर :
राजनीति में आने के बाद सरोजिनी ने कई पदों पर कार्य किया। वे सन् 1925 ई० में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गईं। उन्होंने गांधी जी की दाण्डी यात्रा और 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में भाग लिया। भारत के स्वतन्त्र होने पर वे. उत्तर प्रदेश की राज्यपाल बनीं।

प्रश्न 5.
सरोजिनी नायडू किस प्रदेश की राज्यपाल थीं?
उत्तर :
सरोजिनी नायडू उत्तर प्रदेश की राज्यपाल थीं।

प्रश्न 6.
सही वाक्य के सामने सही (✓) तथा गलत वाक्य के सामने गलत (✗) का निशान लगाइए (निशान लगाकर)
(क) सरोजिनी नायडू बचपन से ही कविताएँ लिखने में रुचि रखती थीं। (✓)
(ख) सरोजिनी नायडू का ज्यादातर समय धार्मिक कार्यों में व्यतीत होता था। (✗)
(ग) सरोजिनी नायडू अद्भुत वक्ता थीं। (✓)
(घ) सरोजिनी नायडू का विचार था कि शिक्षित नारी अपने परिवार एवं समाज को बेहतर बना सकती है। (✓)

प्रश्न 7.
उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (दिए शब्दों से पूर्ति करके) (एडमण्ड गॉस, रूढ़ियों, परम्पराओं, रीतिरिवाजों, मन्त्रमुग्ध)
(क) प्रसिद्ध साहित्यकार एडमण्ड गॉस ने सरोजिनी नायडू  को भारतीय समाज व संस्कृति को ध्यान में रखकर कविता लिखने का सुझाव दिया।
(ख) उनका कहना था कि देश की उन्नति के लिए रूढ़ियों, परम्पराओं और रीति-रिवाजों  के बोझ को उतार फेंकना होगा।
(ग) वे जब बोलना शुरू करतीं तो लोग उन्हें मन्त्रमुग्ध होकर सुनते थे।

प्रश्न 8.
सरोजिनी नायडू के व्यक्तित्व में आपके विचार से कौन सी विशेषताएँ थीं।
उत्तर :
सरोजिनी नायडू के व्यक्तित्व में निम्न विशेषताएँ हैं- कवयित्री, गायिका, देशभक्त, मधुरभाषी, कुशल राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक।

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