Chapter 26 बाबा गंभीरनाथ (महान व्यक्तित्व)
पाठ का सारांश
बाबा गंभीरनाथ का जन्म जम्मू एवं कश्मीर राज्य के एक समृद्ध परिवार में हुआ था। ये बहुत ही सरल स्वभाव के थे। युवावस्था में ही इन्हें सांसारिक जीवन से वैराग्य उत्पन्न हो गया। नाथ संप्रदाय के एक संन्यासी ने इन्हें उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ मंदिर के महंत से दीक्षा लेने की सलाह दी। गंभीरनाथ उस नाथ संन्यासी की सलाह को मानकर गोरखपुर के गोरक्षपीठ के महंत बाबा गोपाल नाथ जी से मिले और उनसे दीक्षा प्राप्त की। इन्होंने गोरक्षपीठ में रहकर अनेक हिंदू धर्मग्रंथों का गहनता से अध्ययन किया। इन्होंने अनेक तीर्थ स्थलों की यात्रा की। इन्होंने अपने सिधियों का उपयोग केवल मानव कल्याण के लिए किया। बाबा गंभीरनाथ बहुत अच्छा सितार बजाते थे तथा सितार की धुन पर भजनों का सुंदर गायन करते थे। उनका मानना था कि सदा सत्य बोलना चाहिए। छल-प्रपंच से दूर रहना चाहिए। समस्त धर्मों और संतों का आदर करना चाहिए। मानवता का कल्याण करते हुए अंत में बाबा गंभीरनाथ ने 21 मार्च, 1917 को अपना नश्वर शरीर त्याग दिया। गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) के गोरक्षनाथ मंदिर के दिव्य, शांतिमय और पवित्र प्रांजण में ही उनकी समाधि स्थापित है, जो शाश्वत, सत्य और शांति का प्रतीक है।
अभ्यास-प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
प्रश्न 1:
संपूर्ण भारत के ‘नाथ सम्प्रदाय’ के मठों एवं मंदिरों की देखरेख कहाँ से की जाती है?
उत्तर:
संपूर्ण भारत के नाथ सम्प्रदाय के मठों एवं मंदिरों की देखरेख गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ मंदिर से की जाती है।
प्रश्न 2:
गुरु गंभीरनाथ ने किससे दीक्षा प्राप्त की?
उत्तर:
बाबा गंभीरनाथ ने गोरखपुर के गोरक्षपीठ के महंत बाबा गोपालनाथ जी से दीक्षा प्राप्त की।
प्रश्न 3:
गुरु गंभीरनाथ ने नाथ सम्प्रदाय के किस सिद्धांत को पुनर्जीवित किया?
उत्तर:
बाबा गंभीरनाथ ने नाथ संप्रदाय के योग सिद्धांत को पुनर्जीवित किया।
प्रश्न 4:
बाबा गंभीरनाथ कौन सा वाद्ययंत्र बजाकर भजनों का गायन करते थे?
उत्तर:
बाबा गंभीरनाथ सितार बलाकरं भजनों का गायन करते थे।
प्रश्न 5:
बाबा गंभीरनाथ ने अपने अनुयायियों से किन कर्तव्यों का पालन करने के लिए कहा?
उत्तर:
बाबा गंभीरनाथ ने अपने अनुयायियों से कहा कि साधु संतों का आदर-सम्मान सेवा करना आप सभी का कर्तव्य होना चाहिए।
प्रश्न 6:
बाबा गंभीरनाथ का पवित्र समाधि स्थल कहाँ स्थित है?
उत्तर:
बाबा गंभीरनाथ का पवित्र समाधि स्थल गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) के गोरक्षनाथ मंदिर के पवित्र प्रांगण में स्थित है।
प्रश्न 7:
‘योगिवर गंभीरनाथ’ पुस्तक की रचना किसने की है?
उत्तर:
उनके परम शिष्य श्री अक्षय कुमार बेद्दोपाध्याय ने ‘योगिवर गंभीरनाथ’ नामक पुस्तक की रचना की