Chapter 28 आचार्य विनोबा भावे
पाठ का सारांश
विनोबा जी का जन्म 11 सितम्बर, 1895 ई० को महाराष्ट्र में कोलाबा जिले के गागोदा ग्राम में हुआ। विनोबा जी पाठ्यपुस्तकों के साथ आध्यात्मिक पुस्तकों के पढ़ने में भी रुचि लेते थे। छोटी उम्र में ही उन्होंने तुकाराम गाथा, दासबोध ब्रह्मसूत्र, शंकर भाष्य और गीता का अनेक बारे अध्ययन किया।
विनोबा जी कक्षा-5 से लेकर ऊँची कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाते थे वे उच्चकोटि के रचनाकार भी थे। उन्होंने मराठी, हिन्दी, तमिल, संस्कृत और बंगला में अनेक पुस्तकों की रचना की।
महात्मा गांधी के आग्रह पर वे साबरमती आश्रम चले आए। यहाँ वे उपनिषदों का नियमित वाचन और संस्कृत पढ़ाने का कार्य करने लगे। लोगों ने उन्हें आचार्य कहना प्रारम्भ कर दिया। इनमें आलस्य बिलकुल न था। वे दृढ संकल्पी और सच्चे कर्मयागी थे। विनोबा जी पर गीता का गहरा प्रभाव था। उन्होंने जगह-जगह घूमकर लोगों के सामाजिक उत्थान के विषय में विचार व्यक्त किए।
भूदान यज्ञ-विनोबा जी ज्यादा जमीन वाले किसानों की भूमि का कुछ हिस्सा भूमिहीनों में बाँटते थे। इस प्रकार भूदान यज्ञ के द्वारा विनोबा जी ने भूमिहीनों को जमीन दिलाई।
सर्वोदय सिद्धांत-विनोबा जी के सर्वोदय सिद्धांत के तीन तत्व हैं- सत्य, अहिंसा और अपरिग्रह (त्याग)। उनके अनुसार आध्यात्मिक विकास का आधार सत्य है। सामाजिक विकास का आधार अहिंसा और आर्थिक विकास का आधार अपरिग्रह है।
विनोबा जी के विचार-“समता का अर्थ ऐसी बराबरी है जिसमें योग्यता के आधार पर आकलन हो।” भक्ति ढोंग नहीं है। दिनभर झूठ बोलकर, पाप करके प्रार्थना नहीं होती। जिस घर में उद्योग की शिक्षा नहीं है, उस घर के बच्चे घर का नाश कर देंगे। स्वावलम्बन का अर्थ है- अपने आप पर निर्भर होना तथा दूसरों का मुंह न ताकना। आशय है – “जितना कमाओ, उतना खाओ।”
विनोबा जी ऋषि, गुरु और क्रान्तिदूत सभी कुछ थे। 15 नवम्बर, 1982 ई० को उनका निधन हो गया। वर्ष 1983 ई० में इन्हें भारत सरकार द्वारा मरणोपरान्त ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।
अभ्यास-प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
विनोबा जी के सर्वोदय सिद्धांत को आशय लिखिए।
उत्तर :
विनोबा जी के सर्वोदय सिद्धांत का आशय स्वशासन और स्वावलम्बन था।
प्रश्न 2.
विनोबा जी ने आर्थिक विकास का आधार किसे और क्यों बताया है?
उत्तर :
विनोबा जी ने आर्थिक विकास का आधार अपरिग्रह (त्याग) बताया है क्योंकि इसमें ही धने का समान वितरण सम्भव है।
प्रश्न 3.
भूदान आन्दोलन को क्या उद्देश्य था?
उत्तर :
भूदान आन्दोलन का उद्देश्य भूमिहीन को बड़े किसानों की भूमि का कुछ हिस्सा दिलाना था।
प्रश्न 4.
विनोबा जी कैसी बराबरी चाहते थे? आपकी नजर में समता का क्या मतलब है?
उत्तर :
विनोबा जी ऐसी बराबरी चाहते थे जिसमें योग्यता के अनुसार सभी का आकलन हो। गणित की बराबरी दैनिक व्यवहार के लिए व्यावहारिक नहीं है। हम विनोबा जी के विचार से सहमत हैं।
प्रश्न 5.
“जितना कमाओ – उतना खाओ’ विनोबा जी के इस कथन का क्या मतलब है।
उत्तर :
‘जितना कमाओ – उतना खाओ’ का मतलब है स्वावलम्बन और दूसरों का मुँह न ताकना।
प्रश्न 6.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके)
- विनोबा जी में आलस्य लेशमात्र भी नहीं था।
- लोगों की सेवा करना विनोबा का धर्म बन गया था।
- विनोबा जी का कहना था कि केवल पाठशाला की शिक्षा पर निर्भर नहीं रहा जा सकता है।
- दिन भर पाप करके, झूठ बोलकर प्रार्थना नहीं होती।
प्रश्न 7.
विनोबा जी द्वारा कहे गए निम्नलिखित शब्दों का सही मिलान कीजिए
उत्तर :
सत्य – सामाजिक विकास का आधार
अहिंसा – योग्यता के अनुसार कीमत
अपरिग्रह – जो खाता है वह उद्योग करे
समता – आध्यात्मिक विकास का आधार
उद्योग – पाप करके झूठ बोलकर प्रार्थना नहीं होती।
भक्ति – आर्थिक विकास को आधार
प्रश्न 8.
नोट – विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिका की सहायता से स्वयं करें।