Chapter 3 अस्माकं परिवेशः
शब्दार्थाः –
क्रीडाक्षेत्रम् = खेल का मैदान,
वेगेन = तेज गति से,
सहचरैः सह = मित्रों के साथ,
उत्साहेन = खुशी से,
शिक्षायै = शिक्षा के लिए,
आपणम् = बाजार,
बहिः = बाहर,
पक्वानि = पके हुए,
कोकिलाः = कोयलें
पादपान् = पौधों को,
सिञ्चति = सींचती है,
तडागः = तालाब।
अमराः = मँवरे।
गुञ्जन्ति = गूंजते हैं।
सम्प्रति = इस समय।
अश्वत्थः = पीपल का वृक्ष,
वट = बरगद,
निम्बः = नीम्।
(क) तृतीया विभक्तिः
इदं क्रीडाक्षेत्रम्…………………कीडन्ति। |
हिन्दी अनुवाद – यह खेल का मैदान है। बालक गेंद से खेलते हैं। कुछ बालक जोर से भागते हैं। हम दोनों नेत्रों से बालकों को देखते हैं। बालक साथियों सहित खेलते हैं। यहाँ लड़कियाँ भी उत्साह से खेलती हैं।
(ख) चतुर्थी विभक्तिः
विद्यालयाः………………….गच्छति।
हिन्दी अनुवाद – विद्यालय शिक्षा के लिए होते हैं। छात्र पढ़ने के लिए विद्यालय में जाते हैं। हम भी पढ़ने के लिए विद्यालय जाते हैं। तुम भी शिक्षा के लिए वहाँ जाते हो। वे (लड़के) और वे सब (लड़कियाँ) भी शिक्षा के लिए विद्यालय जाते हैं। वह पुस्तिका के लिए पुस्तकालय जाती है।
(ग) पञ्चमी विभक्तिः
इदम् उपवनं…………………..नयन्ति।
हिन्दी अनुवाद – यह उपवन गाँव से बाहर है। लोग घरों से यहाँ आते हैं। माली कुएँ से जल लाता है। वह जल से पेड़ों को सींचता है। जब फल पक जाते हैं, तब वे पेड़ों से गिरते हैं। उपवन का रक्षक उपवन से फलों को बाजार में लाता है। लोग उन्हें बाजार से घर ले जाते हैं।
(घ) षष्ठी विभक्तिः
इदम् एकम्…………सिञ्चति च।।
हिन्दी अनुवाद – यह एक सुन्दरं उद्यान है। जब सुबह सूर्य का प्रकाश होता है, तब प्रकाश से उद्यान की शोभा होती है। भंवरे फूलों पर मँडराते हैं। कोयलें वृक्षों पर कूकती हैं। संजीव की माता उद्यान की रक्षा करती हैं। और पौधों को सींचती है।
(ङ) सप्तमी विभक्तिः
प्रातःकाले………….आवश्यकम्।
हिन्दी अनुवाद – सवेरे हम उद्यान जाते हैं। उद्यान में लोग घूमते हैं। वहाँ हम वृक्षों को देखते हैं। उद्यान में बरगद, आम, नींबू, पीपल और दूसरे पेड़ भी होते हैं। पक्षी पेड़ों पर निवास करते हैं। वृक्षों पर पके फल होते हैं। बेलों पर फूल खिलते हैं। उद्यान में एक तालाब भी है। जल में कमल खिलते हैं। कमलों पर भंवरे गूंजते हैं। तालाब में मछलियाँ भी हैं। शाम को बालक और बालिकाएँ उद्यान में खेलते हैं। आजकल वायु प्रदूषण दूर करने के लिए नगर में उद्यान आवश्यक है।
अभ्यासः
प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत
नोट – विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।
प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तरत
(क) बालकाः केन क्रीडन्ति? ।
उत्तर – कन्दुकेन
(ख) छात्राः किमर्थं विद्यालयं गच्छन्ति?
उत्तर – पठनाय।
(ग) फलानि केभ्यः पतन्ति।
उत्तर – वृक्षेभ्यः।।
(घ) प्रातः कस्य प्रकाशः भवति?
उत्तर – सूर्यस्य।.
(ङ) भ्रमराः कुत्र गुञ्जन्ति?
उत्तर – कमलेषु ।
प्रश्न 3.
मजूषातः पदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत (पूर्ति करके)
(क) वयं बालकान् नेत्राभ्याम् पश्यामः।
(ख) विद्यालयाः शिक्षायै भवन्ति।
(ग) उपवनरक्षकः कूपात जलम् आनयति।
(घ) भ्रमराः कुसुमानां उपरि गुजन्ति।
(ङ) खगाः वृक्षेषु निवसन्ति।
प्रश्न 4.
विभक्ति वचनं च लिखत
प्रश्न 5.
कोष्ठकातृ उचित पदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत
उत्तर-
(क) वयं नेत्राभ्याम चित्राणि पश्यामः (नेत्राभ्याम्/नेत्रेण)
(ख) ते शिक्षायै विद्यालयं गच्छन्ति। (शिक्षाभ्यः/शिक्षायै)।
(ग) जनाः गृहातू आपणं आगच्छन्ति (गृहेण/गृहातू) ।
(घ) भ्रमराः पुष्पाणाम् उपरि गुन्जन्ति। (पुष्पेभ्यः/पुष्पाणाम्)
(ङ) वृक्षेषु पक्वानि फलानि सन्ति। (वृक्षेषु/वृक्षेण)
प्रश्न 6.
रेखांकितशबदानाम् विलोमं मंजूषायां लिखत
यथा– अत्र बालकाः दुःखेन धावन्ति।। सुखेन
उत्तर-
(क) बालिकाः अपि उत्साहेन क्रीडन्ति। अनुत्साहेन ।
(ख) बालकः मुन्दस्वरेण गीतं गायति। तीव्र स्वरेण
(ग) प्रातःकाले वयं उद्यानं गच्छामः। सायंकाले
प्रश्न 7.
चक्रात पदानि आदाय पठ्धातोः उचित प्रयोगं कृत्वा वाक्यानि रचयत
यथा – त्वं किं पठसि ?
उत्तर –
(क) अहम् प्रतिदिन पठामि।
(ख) वयम् गीताम् पठामः।
(ग) जहीरः मित्रैः सह पठति।
(घ) त्वम् किम् पठसि।
(ङ) यूयं विद्यालये पठथ।
(च) ते श्लोकस्य अर्थं पठन्ति।
(छ) वयम् अध्यापकात् पठामः।।
(ज) आवाम् ज्ञानाय पठावः।
- विशेष – नोट – विद्यार्थी ध्यान से पढ़ें।
- शिक्षण-सङ्केतः – नौट -विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।