Chapter 5 महाकवि भूषणे
कवि का साहित्यिक परिवय और कृतियाँ
प्रश्न 1.
भूषण का जीवन-परिचय देते हुए उनकी रचनाओं पर प्रकाश डालिए।
या
भूषण का साहित्यिक परिचय लिखते हुए उनकी कृतियों का उल्लेख कीजिए।
साहित्यिक सेवाएँ-भूषण मध्य युग के वीर रस के कवि हैं। विलासिता और परतन्त्रता के युग में स्वतन्त्रता, ओजस्विना, तेजस्विता एवं राष्ट्रीयता को स्वर हम भूषण के मुख से ही सर्वप्रथम सुनते हैं। अपने समकालीन कवियों की तरह भूषण ने विलासी आश्रयदाताओं के मनोरंजन के लिए श्रृंगारी काव्य की रचना न करके अपनी वीरोपासक मनोवृत्ति के अनुकूल अन्याय और संघर्ष के दमन में तत्पर, ऐतिहासिक महापुरुष शिवाजी एवं छत्रसाल जैसे वीरनायकों को अपनी ओजस्वी कविता द्वारा लोमहर्षक गुणगान किया। यद्यपि ये अपने युग की लक्षण-ग्रन्थ परम्परा तथा प्रवृत्तियों से सर्वथा मुक्त नहीं थे, तथापि जातीय, राष्ट्रीय भावनाओं की सशक्त अभिव्यक्ति इनके काव्य की सबसे बड़ी विशेषता रही है। सच तो यह है कि भूषण हिन्दी साहित्य के प्रथम राष्ट्रीय कवि हैं। भारतमाता के अमर पुत्र छत्रपति शिवाजी एवं छत्रसाल बुन्देला जैसे लोकोपकारी महापुरुषों के चरित-गायन में ही इन्होंने अपने जीवन को सार्थक समझा। इन्हीं महापुरुषों की दानशीलता, युद्ध-वीरता, दयालुता एवं धर्मपरायणता का महाकवि भूषण के द्वारा उदात्त चित्रण किया गया है। इन्हीं चरितनायकों के शौर्य-वर्णन या वीर रसात्मक उद्गार विशाल भारतीय जनता की सम्पत्ति हैं।।
साहित्य में स्थान-भूषण की कविता भावपक्ष एवं कलापक्ष दोनों ही दृष्टियों से श्रेष्ठ है तथा हिन्दी के वीर रसात्मक काव्य में अद्वितीय स्थान की अधिकारिणी है।।
पद्यांशों पर आधारित प्रश्नोत्तर