Chapter 6 धरित्री रक्षत
शब्दार्थाः –
प्रदत्तानि = प्रदान करती है,
तत्सर्वम् = ये सभी,
मातृस्वरूपा = माता के समान,
स्वगर्भ = अपने अंदर,
क्रियमाणः = करते हुए,
विनष्टानि = समाप्त हो जाना,
छित्वा = काटकर,
अविचारितेन = बिना विचार किये हुए,
गरीयसी = बढ़कर,
पृथिव्याः = पृथिवी के,
समापतन्ति = आ जाती हैं।
इयं धरित्री। …………………….पोषयन्ति। ।
हिन्दी अनुवाद – यह धरती है। हमारी माता के समान। धरातल परे नदियाँ, पहाड़, वन भी है। सूर्य, चन्द्रमा, वायु, जल, प्रऔति प्रदत्त है। ये हमको पोषित करते हैं।
मनुष्यः ………………………..भवित।।
हिन्दी अनुवाद – मनुष्य स्वार्थवश प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग करता है। क्रमशः ये संसाधन समाप्त और दूषित हो जाते हैं। अब संसार की बढ़ती हुई जनसंख्या विचारणीय है। लोगों के निवास के . लिए वनों को काटकर मकान बनाये जाते हैं। पेड़ प्राणवायु देते हैं। पेड़ों के विनाश से पर्यावरण प्रदूषित होता है। प्रकृति का सौन्दर्य विलुप्त होता है। |
पर्यावरणस्य……………पृथिव्याः ।
हिन्दी अनुवाद – पंर्यावरण के विकृत हो जाने से विपत्तियाँ आती हैं। अतः विपत्तियों को दूर करने । के लिए हम सबके द्वारा पृथ्वी की रक्षा की जानी चाहिए। जब पृथ्वी सुरक्षित होती है तब मानव जीवन भी सुरक्षित हो जाता है। सत्य ही कहा गया है
‘भूमि (मेरी) माता है, मैं पृथ्वी का पुत्रा हूँ।
अभ्यासः ।
प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
नोट – विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।
प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तरत
यथा उत्तर
का अस्माकम् मातृस्वरूपा? धरित्री
(क) धरातले कानि सन्ति? नद्यः
(ख) कस्याः सौन्दर्यं विलुप्तं भवति? प्रकृतेः
(ग) शुद्धप्राणवायूं के ददति? । वृक्षाः
(घ) विपत्तीनां निवारणाय कस्याः रक्षणम् आवश्यकम्? वसुधायाः
प्रश्न 3.
पूर्ण वाक्येन उत्तरत
यथा- पृथिव्याः अपरं नाम किम? – पृथिव्याः अपरं नाम धरित्री।
उत्तर- (क) प्राकृतिकसंसाधनानां दुरुपयोगं कः करोति?
प्राकृतिकसंससाधनानां दुरुपयोगं मनुष्यः करोति।
(ख) पर्यावरणस्य महती हानिः कथ भवति?
पर्यावरणस्य महती हानिः वृक्षाणां विनाशेन भवति।
(ग) का सर्वथा वन्दनीया सेवनीया च?
धरित्री सर्वथा वन्दनीया सेवनीया च।
प्रश्न 4.
मजूषातः उचितविशेषणशब्दान् चित्वा वाक्यानि पूरयत (पूरा करके) –
यथा– इयं अस्माकम् मातृस्वरूपा।।
(क) अधुना विश्वस्य वर्धमाना जनसंख्या सोचनीया। ।
(ख) अस्माभिः वसुधायाः रक्षणं कर्तव्यम् ।।
(ग) वृक्षाणां विनाशेन पर्यावरणं प्रदूषितं भवति।
प्रश्न 5.
चित्रानुसारं संस्कृतपदानि रचयत (रचकर) –
उद्याने एकः आमृवृक्षः अस्ति।
वृक्षातु पत्रं पतति ।
वृक्षात् फलं पतति ।
उद्यानं सुन्दरम् अस्ति।
प्रश्न 6.
संस्कृत भाषायाम् अनुवादं कुरुत
(क) यह पृथ्वी हमारी माता के समान है।
अनुवाद – इयं धरित्री अस्माकं मातृस्वरूपा अस्ति।
(ख) इस पृथ्वी को वसुधा भी कहते हैं।
अनुवाद – पृथिव्याः अपरं नाम वसुधा अपि अस्ति।
(ग) हम सूर्य से ऊर्जा पाते हैं।
अनुवाद – सूर्यातू अस्मभ्यम् ऊर्जा प्राप्नोति।।
(घ) माता और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है।
अनुवाद – जननी, जन्मभूमिश्चय स्वर्गादपि गरीयसी।
प्रश्न 7.
पाठात शब्दं चित्वा स्वमित्रैः सह अन्त्याक्षरीं कुरुत
यथा –
प्रथम वर्ग द्वितीय वर्ग
पवनः नद्यः
यदा दृषितानि
उत्तर – विद्यार्थी स्वयं करें ।
शिक्षण संङ्केतः और एतदपि जानीत –
नोट – विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।